चतुर्थ रावटी दर्शन यात्रा पाना बरस पहले गढ के नाम से जाना जाता था।यह अभि वर्तमान में राजनांदगांव जिला के अंतर्गत आता है।रावटी दर्शन यात्रा शोधकर्ता एवँ अध्ययन दल दिनाँक 17जून 2018,दिन रविवार को लगभग तीन बजे वहाँ पहूँचे थे।रावटी यात्रा अध्ययन दल का11,40बजे मानपुर के रंगमंच चौक में फूल माला एवँ
नारियल भेट देकर आत्मीय स्वागत किया गया।
उसके बाद भोजन करने के पश्चात पाना बरस गये।वहाँ के एक वयोवृद्ध व्यक्ति और गाँव के कोटवार को साथ में लेकर गुरु घासीदास बाबा जी के रावटी यात्रा स्थान पर ले गए।यह पवित्र स्थान शिवनाथ नदी के तट एवँ उदगम स्थल पर स्थित हैं।यह क्षेत्र वनों से घिरे हरे भरे प्रकृति की नैसर्गिक सौंदर्य, अत्यंत मनोरम,मनमोहक, मनभावन जगह है।दर्शनार्थियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है।वहाँ से सीधे गाँव के मुखिया के घर गए।मुखिया ने बताया कि पहले उनके पूर्वज वहाँ के राजा थे।गुरु घासीदास बाबा जी के रावटी यात्रा के समय
राजा लाल श्याम मणिशाहा का शासन था।
मोहला मे राज महल था।उनके समय में360 गाँव आता था। वर्तमान में उनके वंशज अंजोरसिंह शाह हैं। इस समय 48 गाँव आते हैं।चरचा से आमसहमति बना है कि वहाँ जैतखाम गड़ाने के लिए जगह दिया जायेगा।वहाँ एक घर का सतनामी रहता है, वह पटवारी हैं, कोटवार ने बताया कि उसके पास एक एकड़ 70 डिसमिल जमीन हैं।सत्पुरुष से आशा और सतगुरु सतनाम पर पूर्ण विश्वास करते हैं कि वहाँ भी एक जैतखाम गड़े और गुरु घासीदास बाबा जी के ऐतिहासिक रावटी स्थल सर्व मानव समाज के लिए दर्शनार्थ एवँ आस्था केंद्र के रूप में स्थापित व विकसित हो,
जय सतनाम, सन्त समाज।वेदानन्द दिव्य।
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