Monday, May 11, 2020

।।रासेयो की राष्ट्रीय मंच मैसुर में जय छत्तीसगढ़ ।।

।।रासेयो की राष्ट्रीय मैसुर मंच पर जय जय छत्तीसगढ़ ।।

एन एस एस की नेशनल होम स्टे प्रोग्राम 2013  मैसुर  में  छत्तीसगढ़ का  टीम ! साधन विहिन और विषम परिस्थितियों में हमने 10 छात्रों एंव 10 छात्राओ  को मेडम बिस्वाल जी  (कटघोरा गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका  )के साथ लेकर गये।  
प्रत्येक प्रांत से 22 सदस्यों कुल 2500  की यूनिट "नैनो इंडिया" कहलाते थे। 
 जहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति व कलाओं का डंका बजाकर आए ...

चित्र में दो प्लास्टिक  बाल्टी को जोड़कर लुंगी लपेट मांदर बनाए और इसी आधार वाद्ययंत्र के प्रदर्शन के साथ हमारे २-३ मिनट का संक्षिप्त उद्बोधन एंव ५-७ मिनट की समूह नृत्य  करमा पंथी जस गीत एंव रिलो एंव अनेक तरह की प्रस्तुतियां देकर टीम इंडिया और मेजबान कनार्टक के प्रबुद्ध  दर्शकों को  सम्मोहित करते रहें। 
       परिणाम स्वरुप हमलोगों के मंच पर आते ही  पुरा नेशनल मंच और भव्यतम अटोडोरियम जय जय छत्तीसगढ़ से गूंज जाया  करते ‌। प्रशस्ति के साथ- साथ स्वामी श्री के  विशिष्ट सम्मान पाकर  लगा कि सचमुच हमारी कलाएँ और संस्कृति इतनी प्रभावशाली हैं कि जरा सा सावधानीपूर्वक प्रस्तुतियां दे तो स्वत: वह सभी को चकित कर सकती हैं। हबीब तनवीर  देवादास बंजारे तीजनबाई , सुरुजबाई स्मृत होते कि कैसे वे लोग सादगी पूर्ण प्राकृतिक रुप से प्रस्तुतियां देकर  विदेशों में समा बांधे ।  
 यही कलावंत   हम जैसे  साधन विहिन विवश   लोगों का आत्म संबल रहा । उडिया बंगला भाषी बिस्वाल मेडम जी ( जो अब  नहीं हैं।) मुझे भी विद्यार्थियों सहित पुत्रवत स्नेह देती हर प्रस्तुति में कह उठती क्या कमाल और धमाल मचा देते हैं, शाबाश छत्तीसगढ़िया बधवा लोग  । 
       धन्य  है स्नान के लिए प्रदत्त यह यह" बाल्टी वाले मांदर" सच कहे तो कैसे हमारे मन में यह आइडिया आया , आज सोचकर बहुत हंसी आती हैंऔर बिना कोई तैयारी के भेज देने पर क्षोभ भी होता हैं। पर शुक्र हैं युवाओं का जोश और उत्साह असंभव को संभव करता हैं।
                      हमारे शीध्र प्रकाश्य पुस्तक‌ " रासेयो की राष्ट्रीय मैसुर मंच में जय जय छत्तीसगढ"  का अंश ।

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