Thursday, May 21, 2020

सीख

।।सीख ।।

हदरते मन को देतें रहे  दिलाशा 

मिलेगी मंजिल कभी‌ न टूटेआशा 

लक्ष्य  एक  नही  न राहें  हैं  एक

पल-पल परिवर्तित चाह-राह अनेक 

चलने का बस हौसला हो हरदम

विफलताओं से कभी न हारे हम

करे चयन जो हो रुचिकर आसान

भले रखें थोड़ी -बहुत उनपर कमान

हो निरंतर अभ्यास लगे रहे सो जाने 

पुरखों की सीख मन वचन कर्म से माने 

        -डा. अनिल

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