आपके वास्ते छकड़ी हमरी
आत्मनिर्भर
आत्मनिर्भर शब्द है बड़ा सुहाना
पर कैसे हो यह बिल्कुल न जाना
बिल्कुल न जाना है सब अनजान
संकट में फंसे हुए हैं सबके प्राण
ऐसे में कोई लूटे नमक नहीं घर पर
बताओं ऐसे में कैसे हो आत्मनिर्भर
बिंदास कहे डा अनिल भतपहरी
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