Thursday, March 19, 2020

भट्टप्रहरी उवाच

भट्टप्रहरी उवाज  

        मत पंथ संप्रदाय मजहब रिलिज‌न आदि उच्च स्तरीय सांस्कृतिक राजनीति हैं। इस बात को हम विगत एक दशक से सोशल मीडिया में लिखते और अनेक सभाओं में कहते भी  आ रहे हैं।
    धर्म सत्य करुणा प्रेम परोपकार जैसे सद्गुण हैं । और यह सर्वत्र एक समान हैं। यह कतई हिन्दू ,मुस्लिम, ईसाई ,बौद्ध, जैन ,सिख, सतनामी आदि नहीं हैं। यह सब मत पंथ मजहब रिलिज‌न आदि उपसना पद्धतियां हैं जिसे  ही उच्च स्तरीय सांस्कृतिक राजनीति भी कहे जा सकते हैं और लाखो करोड़ों अनुयाई भी इन प्रणालियों के अनुरुप जीवन निर्वहन करते हैं।
       इन्हीं के  आधार  पर  प्रवर्तकों, प्रबंधकों ,शास्ताओं के अनुशासन चलते हैं, और  उनके अनुरुप शासन -प्रशासन तक चलते हैं।

     डा. अनिल भतपहरी

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