Friday, March 13, 2020

मिनीमाता से संदर्भित तिथियाँ

*🌻13 मार्च , मिनीमाता जी की 107  वीं जयंती ( जन्म 13 मार्च सन् 1913 ) 🌻*
     के परिप्रेक्ष्य में
➖स्वाट विश्लेषण ( *SWOT ANALYSIS* ) को जानना जरूरी हो जाता है ➖

*प्रमुख घटना क्रम* :
➡ मिनीमाता जी का जन्म , 13 मार्च ( होली दहन के दिन )1913 को , आसाम के नुवागाॅव जिले के ग्राम जमुनामुख  ( चाय बागान दौलतपुर ) में हुआ था ।उनके परिवार को भीषण अकाल ( सन् 1901 से 1910 )के कारण छत्तीसगढ ( बिलासपुर जिला ) से आसाम पलायन करना पड़ा था ।
➡ गुरु अगमदास जी ( जन्म- सन् 1895 , निर्वाण - सन् 1952 ) के साथ उनका विवाह सन् 1930 - 2जुलाई , में हुआ ।गुरूअगमदास जी अपने जीवन में  चार विवाह किये थे :
➖सन् 1915 में , *पुन्नी माता* से ।
➖ सन् 1927में , *सुनयना माता* से ।( एक लड़की , मंथरा पैदा हयी , जिसकी विवाह गोफे लाल बघेल जी , बेमेतरा जिला से हुआ था ।)
➖सन् 1930  में , *मिनीमाता जी* ( बचपने का नाम मीनाक्षी ) से ।
कोई संतान नहीं था ।
➖तद्  उपरान्त संतान / पुत्र प्राप्ति के लिए *करूणा माता जी* ( सुपुत्री - रतीराम जी गोटिया ) से विवाह किये ।( *विजय कुमार गुरु* , उनके निधन के पहले ही पैदा हुए थे ।)

➡ सन् 1952 के लोक सभा उप चुनाव में , छत्तीसगढ ( रायपुर)से  *प्रथम महिला सांसद* के रूप में चुन कर लोक सभा पहुॅचीं और आजीवन ( 1952 , 1957, 1962, 1971 ) जांजगीर लोकसभा से सांसद रहीं । पूरे छत्तीसगढ का निरंतर दौरा किया करती थीं ।सन् 1969 में आदिम जाति कल्याण मिडिल स्कूल कोरबा  में भी आयीं थीं ।
➖1955 में छुआछूत निवारण कानून ।
➖1967 हसदो महानदी परियोजना ।
➖1962 भिलाई इस्पात संयंत्र स्थापना ।
➖1967 दहेज निवारण कानून ।
➖1961 छत्तीसगढ महाविद्यालय भिलाई ।
➖मिनीमाता बाॅगो बाध , बालको कोरबा , बैलाडिला - बचेली किरंडुल के विस्तार आदि ।

➡ 11 अगस्त सन् 1972 में , आधी रात्रि में विमान दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया ।तब से प्रति वर्ष 11 अगस्त को पूरे छत्तीसगढ में  " *मिनीमाता स्मृति दिवस* " का आयोजन होने लगा ।11 अगस्त सन् 1984 में गुरू घासीदास सेवा समिति द्वारा कोहका ( भिलाई ) में " *प्रतिभा प्रोत्साहन दिवस* " आयोजन की शुरुआत हुई ।( विस्तृत जानकारी के लिये - " *स्वागत पत्रिका* " प्रथम प्रकाशन 7 फरवरी 2005 , पेज क्रमांक 36 का अवलोकन करें ।)

➡ 13 मार्च को जयंती शुरुआत करने का श्रेय " सत्य दर्शन संस्थान " को  दिवंगत *घनाराम ढींढे जी* ( जन्म :  1 जनवरी 1954   , निर्वाण 21 सितंबर 2016  ) के अगुवाई में जाता है । होली दहन के दिन जयंती मनाने का सिलसिला भी प्रारंभ  हो चुका है ।पुण्य तिथि को लेकर भी मतभेद है ।

आइये *मिनीमाता जी* के परिप्रेक्ष्य में  *SWOT ANALYSIS* ( स्वाट विश्लेषण ) को समझने का प्रयास करें  :

*S➖Strength* ( ताकत )
    *पढ़ाई-लिखाई में निपुण ।
    * गुरु परिवार की अहमियत ।
    * राजनीतिक दांव-पेंच की ज्ञान ।
      * छत्तीसगढ के साथ समाज  में लोकप्रिय ।
     * बीस साल लगातार सांसद स्थापित रहना ।( राजनीतिक पावर को नजरअंदाज करना  बड़ी भूल होती है ।)
    * स्वास्थ्य शरीर व समय की उपलब्धता भी उनकी बड़ी ताकत थी ।
      * मानव संबंध ( Human Relation ) उनकी काफी सशक्त ( Strong ) थी ।
     

*W➖Weakness* ( कमज़ोरियां )
       * परिवार की जिम्मेदारियां ।
       * पति का साथ नहीं रहना ।
       * अव्यवस्थित साधन का होना ।
       * शुरू में पर्याप्त अनुभव का न होना ।

*O➖Opportunities* ( अवसर )
       * तत्कालीन सशक्त राजनीतिक दल " कांग्रेस पार्टी " का साथ होना ।
       *  सन् 1952 में पुत्र ( विजय कुमार गुरु जी ) बालिग होते तो शायद मिनीमाता जी , गुरु अगमदास जी के राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं बन पायीं होतीं  ।
        *  सहानुभूति की लहर ।
        * प्रथम छत्तीसगढ से महिला सांसद का होना ।
        * पति के साथ का अनुभव का लाभ । 
       * संसद में पर्याप्त सहयोग ।
       * महिला होने से चर्चा का होना ।
       * बीस साल , लंबे समय तक राजनीतिक व सामाजिक अनुभव का होना ।
      
*T➖Threats* ( चुनौतियाॅ )
  * शुरू से ही चुनौतियाॅ रही हैं ।
  * सन् 1952 के लोक सभा उप चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती उनकी  निकटतम प्रतिद्वंदी चौथे पीढ़ी के *गुरू मुक्तावन दास जी* से था ।
  * समाज की गुलामी व लाचारी की बड़ी समस्या ।
   * सन् 1968 में गुरवइन डबरी और बैगाकापा गांव में घटना भी बड़ी समस्या व चुनौती के रूप में आई ।

➖ मिनीमाता जी नै *Strength* ( ताकत ) व *Opportunities* ( अवसर )का भरपूर सदुपयोग समाज व देश हित में  की । अपनी *Weakness* ( कमजोरियों ) को दूर कर , अपनी ताकत को और भी मजबूत की । *Threats* ( चुनौतियाॅ ) को सफलता पूर्वक अवसर में बदलने की उनमे तकनीक थीं । इसीलिये आज मिनीमाता जी का नाम व प्रसिद्धि ( Name & Fame ) है ।

➖ आज भी छत्तीसगढ की धरती में ऐसी ही मिनीमाता जी की अत्यंत जरूरत है , जिसे खोज कर स्थापित करना पड़ेगा ।

➖आज हें उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है :
▪शिक्षा के प्रति जागरूकता ।
▪ब्रह्मणवादी संस्कार व  संस्कृति का परित्याग ।
▪मानवतावादी संस्कार व संस्कृति का सृजन व संचालन ।
▪सामाजिक जागृति के ही राजनीतिक जागृति का होना आवश्यक है ।

           *ममतामयी मिनीमाता जी* को सत्- सत्  नमन व उनकी  *107 वीं जयंती* के अवसर पर आप सबको बहुत  बहुत बधाइयाॅ ।

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