Saturday, March 21, 2020

अकेलापन‌

।। अकेलापन‌ ।।

भयावह अकेलेपन से आक्रांत
वे महफ़िल‌ सजाने लगे 
गीत गज़ल नाच गाने   
संगीत से दिल बहलाने लगे  
हो हल्ला करते कानफोडू 
ऑर्केस्ट्रा, पब,होटल जाने लगे 
आदमी होकर  मशहूर
सेलेब्रेटी कहलाने लगे 
अ‌नुशरण कर सभी 
पद -प्रतिष्ठा हेतु भागने लगे 
दौलत- शोहरत खूब 
नाम तक कमाने लगे 
दिखाने -सुनाने में बीता उम्र 
स्वयं भीतर न देख -सुन सके 
देश -दुनिया की चिंता करते 
एक पल अपने लिए न गुन सके
वक्त हैं अपने लिए समय निकाले 
एकांत एक दिन करोना के कारण 
राष्ट्रीय जनता कर्फ्यू के नामे  
करे आत्म मंथन और चितंन 
राष्ट्र के प्रति करे क्या सपर्मण 
मानवता के लिए कैसा हो आचरण 
आगे जीवन का करे सुन्दर आंकलन 
खीचें जेहन में नक्शे, बनाएं प्राक्कलन  
सत्य प्रेम करुणा सद्भाव का हो प्रचलन‌
अंध विश्वास हो खत्म  मिटे मिथकीय वहम 
ज्ञान -विज्ञान का जय हो मिटे सकल भरम ...

      - डा. अनिल भतपहरी

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