।। राजमहंत नयनदास महिलांग ।।
समाज सेवक और गोरक्षा आन्दोलन के प्रणेता राजमंहत नयनदास महिलांग जी ग्राम सलौनी बलौदाबाजार के सम्पन्न कृषक ब्रिटिश जमाने में शिक्षित और प्रखर राजपुरुष रहे हैं। जिन्होंने अपने युवाकाल में ब्रिटिश सरकार द्वारा करमन डीह ढाबा डीह( बलौदाबाजार ) में संचालित बुचड़खाना रोके और भाटापारा निपानिया रेल्वे स्टेशन में गोमांस निर्यात करने की व्यवस्था को बंद करवाकर आपार ख्याति अर्जित की। फलस्वरुप देश में स्वतंत्रता आन्दोलन और उनके सूत्रधार काँग्रेस के शीर्ष नेतृत्व गांधी, मोतीलाल ,जवाहरलाल नेहरु आदि के संज्ञान में आए। प्रदेश से सुन्दरलाल शर्मा रविशंकर शुक्ल आदि भी आपके प्रभाव में रहे।
आपके पुरुषार्थ, प्रदेय और मार्गदर्शन से ही सतनाम पंथ के गुरुगोसाई अगमदास और समकालीन 72 सतनामी संत- महंत मिलकर समाज का सामूहिक प्रतिनिधित्व किए और १९२६ में पृथक सतनामी जाति को संवैधानिक दर्जा प्रदान कराने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किए ,साथ ही पंथ को धर्म के रुप में विस्तारित करने का बीड़ा उठाया।
वे बलौदाबाजार विधान सभा क्षेत्र के प्रथम यशस्वी विधायक रहे।
ऐसे प्रखर और कर्मठ समाज सेवक के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन समर्पित हैं ।
।। सतनाम
No comments:
Post a Comment