Wednesday, November 21, 2018

Hamri chhakadi

सुधि पाठको हेतु  "छकड़ी हमरी" -४

किए जाते है हर काम सोच-समझकर ।
पर कुछ लोग रह जाते अक्सर उलझकर।।
होते है सफल जो चलते है जरा सम्हलकर ।
सुख-दु:ख,जीत-हार में रहते है वे निर्विकार ।।
मंजिल‌ उनकी होती सदा जो जीते हर विकार ।
बनते  हैं प्रेरक  उनके हर  कर्म और  सद्विचार।।

               - डां . अनिल भतपहरी,९६१७७७७५१४

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