आपके वास्ते छकड़ी हमरी ....
अपनी संस्कृति पर नाज़ सबको और है बेहद प्यार ।
पर जरुरत है दुसरों की संस्कृति से भी करना प्यार ।।
कब तक मैं-मैं करते रहें हम पर भी हो तनिक विचार ।
तब सुदृढ़ होंगे लोकतंत्र हमारी और आपसी व्यवहार ।।
विविधताओं की मजबूत नींव पर टिका है राष्ट्र रुपी मीनार
ध्वज तिरंगा लहरे स्वच्छंद गगन पर और मान दे संसार।।
-डा. अनिल भतपहरी,9617777514
चित्र -बालसमुन्द द्वीप पलारी का खूबसूरत गार्डन
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