"मजा अउ सजा"
जेन हड़िया रांधही
केरवछ तो लगही
जेन रद्दा रेंगही
वहीच तो हपटही
बिन गिरे कोनो
तो उठय नही
सुते बिन कोनो
तो जगय नही
फेर जतके सजा
दगहा रहे अउ
हपटे सुते मं हे
ओतके मंजा
सफा रहे अउ
जागे उठे मं हे
-डा.अनिल भतपहरी, ९६१७७७७५१४
सी- ११ ऊंजियार- सदन सेंट जोसेफ टाऊन अमलीडीह
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