Sunday, November 25, 2018

"संसो "

"संसो "

अभीच ले मोला  अबड़ संसो होत हवे भाई
अवइय्या दस बीस बछर मं  अलकर होही
काबर कि बड़े-बड़े मूर्ति बन जाही
त "हवई जहाज" कइसे उड़ियाही ?
परदेशिया मन इहा आए बर  डराही
काबर कि उकर जिहाद ओमा टकराके
भंग -भंग ले लेसा  के जर- बर जाही .
बिचारा मन के हाड़ा गोड़ा के पता नई चलही

-संसो करैय्या डां.अनिल भतपहरी

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