चौथा चरण संधम है ...पर बौद्ध संस्कृति में प्रायः तीन का ही उल्लेख है।
इस तरह
सत्यम शरणम गच्छामि
बुद्धम शरणम गच्छामि
धम्मम शरणम गच्छामि
संघम शरणम गच्छामि
सत्य के शरण में ग्यान( प्रग्या )के शरण में धम्म धारणीय सद्गुण के शरण में और अंत ऐसे सद्गुणियों वाली संध में शरण में जाता हू .... जहां लोक कल्याण होगा और पथिक को निर्वाण मिलेगा ।
।।सच्चनाम - सतनाम ।।
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