आपके वास्ते छकड़ी हमरी
।।तोर मया कुंवार कस घाम।।
तोर मया कुंवार कस घाम जियानथे
आंखी चौंधियाथे अउ बड़ चरचराथे
सित्तो रे करिया तोरेच रंग मं रंग जाथे
हरदाही रंग राधा के कहां उड़िया जाथे
खेत-खार हरियर मगन मन झुम्मर गाथे
छटकत बाली ल देख बड़ खुशी अमाथे
बिंदास कहे डाॅ.अनिल भतपहरी
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