।।अभरेट।।
अपन गवनही बेटी ल बुदुक बतात राम्हीन कहिस - "अपन अंचरा मं गुप्ती कस पइसा दमाद ल गठियाय रहिबे।"
ओती फिरन्तीन तको अपन बेटा ल जीजी अन्तर चेता दिस - " बहु ल कभुच मुड़ मं झन चढाबे।"
नाती के छठ्ठी मं दुनो समधिन घम-घम ले नवां लुगरा पहिन सोहर- मंगल गाईन अउ बनेच नाचिन -कुदिन।
फेर कोन दुखाही के नज़र लगिन ओ समे के गय ले, यहा तरा बुढ़त काल दुनो समधिन वृद्धाआश्रम में एक- दुसर ल अभरेट डरिन अउ बोमफार के रोय लगिन।
-डाॅ.अनिल भतपहरी
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