सतनाम - संकीर्तन
भजन
सत के पुजारी हे गुरुघासी
गुरुघासी हो संतो .....
सत के पुजारी गुरुघासी
पिता महंगुदास बबा हे
अमरौतिन महतारी
जंगल झाड़ी डोंगरी पहाड़ बीच
गिरौदपुरी के वासी संतो .....
सफूरा संग बिहा रचाए
दुनो कुल के मान बढाए
सिरपुर नगर महंत के बेटी
उज्जर रुप फूल कांसी संतो ....
सत के रद्दा ल नेक कहे
सब मनखे ल एक कहे
जात -पांत छोडवाके
बनाये सब ल सतनामी संतो ....
हंसा अकेला सतनाम संकीर्तन
प्रस्तुति व रचनाकार
डा. अनिल भतपहरी
९६१७७७७५१४
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