Thursday, May 24, 2018

सर- संधान



यह जग रीति हैं छलना मृग
 करो तुम इन पर सर- संधान
सदगुरु ने भेजा जग में
 देकर तुम्हे शबद बान
देकर शबद बान बनाया
 माता पिता के विवेकी
कहे अनिल अशांत
छलना यह जगरीति

सत श्री सतनाम

डा. अनिल भतपहरी 

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