Thursday, July 30, 2020

बिन पिये निसा चढे

आपके वास्ते छकड़ी हमरी 

बिन पिये निसा चढे 

तेंदू चार  आमा मउरे  दुल्हा कस  सम्हरय।
जाय बर बरतिया भंवरा मन मगन मंडराय।।
सोला-सिंगार साजे परसा दुल्हीं डेहरी झांकय ।
आवत हे लेनहार कुहकत कोयली हांका पारय ।।  
महुंआ मन रस घोरय अउ खेत-खार बगियाय ।
ये महिना मं सित्तो बिन पिये नंगत निसा चढ़ जाय ।।
 
बिंदास कहें - डा. अनिल भतपहरी
चित्र - मउर साजे दुल्हा चार राजा के संग बरतिया अनिल‌ , सिरपुर जंगल‌ ।

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