आपके वास्ते छकड़ी हमरी
।। बागड़।।
बागड़ बड़ बरबाद हुए सांडों की लड़ाई में
मजे ले त्योहार मनाएं जनता हर चुनाई में
जनता हर चुनाई मे आश्वासन से जाते छले
नियति उनकी बन चुकी है बेचारे भोले भले
बदलाव की सोच लिए देते वोट तोड़ ताबड़
इनके खेत उजड़ते गये पर बने नेता के बागड़
बिंदास कहें -डा. अनिल भतपहरी
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