Sunday, July 19, 2020

पौधरोपण

"पौधारोपण गीत "

हमर गांव म जंगल रहितिस त

   तेन्दु चार मउहा गस्ती खातेन 

जातेन डोंगरी पहाड संगवारी 

    करमा ददरिया संग मस्ती उडातेन ....
                 १
रहिस होही तइहा म ओ 
     जंगल सिरागे 

      बड दुख के बात गांव म    रुख राई नइये 

सपना मसुने नइयन मंजुर बोली
 
      सुनके हिरदय म खुशी मनातेन ...
                       २
 कब आथे फागून कब आथे   हरेली 
 जाने बर देखे ल परथे पातरा बरपेली 
चिरई- चुरगुन मन गीत गातिस
 फूल ल देख भौरा मोहातिस 
त बारो महिना ल हम जान जातेन ....
                      ३
 बंजर भाठा भर्री ल चल आज
   सवारलिन 
किसिम किसिम के पौधा ल
  सुघ्घर लगालिन

पौधरोपन तिहार ल जुलमिल मनातेन

धरती के अंचरा ल सुघ्घर  हरियातेन ...

     डा. अनिल भतपहरी 
            अध्यक्ष  
छत्तीसगढी राजभासा साहित्य समिति

चित्र - शा बृजलाल वर्मा महाविद्यालय  पलारी के परिसर में विकसित हरितिमा ।  रासेयो स्वयं सेवक व महाविद्यालयीन प्रबंधन के सहयोग से ।
(कार्यक्रम अधिकारी के रुप में हमारी छोटी सी भूमिका ‌रही हैं। )

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