Saturday, July 25, 2020

दबंग सतनामी ‌

छत्तीसगढ़ में सतनामी गौटिया मंडल भी अपने स्वजाति या अन्य का दलन करते हैं। यह प्रवृत्तियाँ अब भी यदा कदा देखने में मिलते हैं। 
      सतनामियों से लोग भयभीत भी रहा करते हैं। तब्बल फर्शी लाठी लेकर बाजार हाट चलते और बात बात में लड़ते व उलझ जाते थे। ताकत व दौलत उन्हें राजपूत जैसे निडर व वारियर याने कि योद्धा बनाते थे।
      सवर्णो व सतनामियों का झड़पे  अक्सर होते रहा है । क ई जगहों पर सवर्णो को बेदखल किए गये कही वह स्वयं बेदखल हुए हैं।
उनकी इस प्रवृत्ति के कारण उन्हे ब्रिटिश काल मे क्रीमनल कौम भी घोषित किए गये थे।
       सतनामियों की इस शूरवीर व क्रुरतम स्वभाव के ऊपर भी यदा -कदा विचार होनी चाहिए। यह ऐसा तत्व है जो उन्हे दलित से ऊपर दबंग होने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
      नीरीह दलित  पराश्रित सतनामी कभी नहीं ‌रहा ।बल्कि कठोर परिश्रमी जीवट व जुल्मादि का प्रखर  प्रतिरोधी रहा हैं।
  डॉ. अनिल भतपहरी 

1 comment:

  1. बहुत बढ़िया पोस्ट है सरजी। सतनामी समाज सदैव निर्भीक और साहसी रहा है। यही वो गुण भीहैजो सतनामी समाज के अस्तित्व को बचाए रखा है

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