मोहिनी सुरतिया तोर नैना मारे के बान
जीव होगे हलकान अउ छुटत हेपरान
नंजर भर देखे नही ओ न गुठियाए नहीं ओ ...
कोजनी का गलती होइस मोर से
कइसे पिरित रानी जागिस तोर से
कहना मोर चिटिक, पतियाये नहीं ओ ...
दुरिहावत हस त एक जिनिस बतादे
झटकुन मर जांव अइसे लिगिरी लगा दे
महुरा घोर के तय काबर पियाए नहीं हो ..
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