#anilbhatpahari
पंचक 13 ( पाँच पंक्तियाँ )
।।एक घड़ा रीता हैं ।।
कौन संपूर्ण यहाँ कुछ रीता रह ही जाता है
तभी तो समर्थवान अंतत: हार भी जाता हैं
चंद उपलब्धियों से मनुष्य ग़फलत में जीता हैं
हम जो गाए गीत और कृष्ण गाए ओ गीता हैं
सच यह कि हर पनघट पर एक घड़ा रीता हैं
डाॅ अनिल भतपहरी / 9617777514
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