खंधो लव रे अपन गड़ी
नाचे बर रिलो बार
नेवता करमा के झारे झार
ये दे आवत हे फागुन तिहार ...
गाना गवैया अउ बाजा बजैया
अनिल सरीख कोनो गीत लिखैया
खंधो लव रे आवत हे फागुन तिहार ...
आमा म उरे अउ परसा फूलगे
म उहा कुचियागे सेमर फूलगे
देह ल सजा लव रे अपन घर दुवार ...
फुल डोहड़ी मन सब छतरागे
कहर -महर महके भौरा झुमरे
मन मतावय रे जवानी के चढे झार...
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