एक छत्तीसगढ़ी प्रेम गीत पढ़िये ... वक्त मिलेगा तो किसी दिन लाइव प्रस्तुत करेन्गे ।
।।युगल गीत ।।
तोर रुप दरसन घाद निक लागय रानी ओ
तोर बोली बचन घाद मीठ लागय राजा ग...
आए नहाये बर गांव के नवा तरिया
देखतेच साठ होगे तोर संग पिरितिया... घाद निक लागय
गांव के गुड़ी मं देखे गावत भजन
तब ले मानेव मय तुहीच ल सजन ...घाद निक लागय
लुवाही धान अउ ओन्हारी सकलाही
माघी पुन्नी मं हमर लगिन धराही ...घाद निक लागय
तोर गोठ सुन राजा, मन कुलकत हे
अक्ती मं भांवर किंदरे के सउक करत हे ..घाद निक लागय...
-डा. अनिल भतपहरी
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