।।स्वच्छंद ।।
हमें स्वच्छंद वातावरण
उनमें विचरते पक्षी
झुमती मदमस्त डालियां
पत्तियाँ और फूल
क्रीड़ा करते
भ्रमर वृंद पसंद हैं
लहराती बलखाती झरनें
कुलाचें भरतें
मृग झुंड पसंद हैं।
सच कहें तो
हँसते- खिलखिलातें
पुरुष और महिलाएँ
संग बाल वृंद पसंद हैं
यहाँ तक स्वच्छंद
विचारधाराएँ और कविताएँ
तक पसंद हैं
क्योंकि स्वच्छंदता ही
मुक्ति के पट खोलते हैं
-डाॅ. अनिल भतपहरी
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