बिसरे कहां तय जाके, आरों कछु नइ आवय
तोर बिन संगी मोला ,सिरतों कछु नइ सुहावय
सुन्ना हे घर -दुवारी कुआं पार बियारा बारी
डोहड़ी ह डोड़हाय रहिगे फूल फर ह नइ धरय ...
गे हस जब ले तयहर ,टप्प हे जम्मो बुता काम
कलेचुप बोकबाय बइठे भुखपियास नइ जनावय
आठो पहर चोबिस घड़ी बियाकुल बिते हयरान
मन हदरत हे तोर सुध,थोरकों नइ भुलावय ...
-डाॅ. अनिल भतपहरी
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