Sunday, March 31, 2024

तोर सुरता आवे न

रिगबिग चंदैनी उवे 
सुघर ये मन लूभावे 
पुन्नी के चंदा देख
तोर सुरता ह आवे 
रानी तोर सुरता आवे न ..

रिगबिग चांदनी uve
जोत्था झोट्ठा जोगनी बरे 
सुध लम्हे तोर डहर
 मिले बर मन ह हदरे 
राजा तोर सुरता आवे न ...


महकत हवय मोंगरा 
मुड़ म तोर खोचे गजरा
लगथे तय तीर मे आगें
रानी तोर सुरता आवे न 

निकल के घर दुवारी
पहुचेव कुआ बारी 
सुने निक ददरिया गाये न 
मन मयूर झुम्मर नाचे न

अमलीडीह रवि 31-3-24 शाम 7 बजे ।

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