मोर प्रतिनियुक्ति के वापसी होगे हे आदरणीय ! आप मन संग रहिके तीन बछर ले जोरहा बुता उरकाय के ज उन अवसर मिलिस ओहर हमर सौभाग्य हे । जशपुर ले बीजापुर अउ रायगढ़ के लरियाआंचल से डोंगरगढ़ के मराठी भाषी तक चारो मुड़ा किंजर किंजर के आयोजन करेन इहा के जम्मो प्रमुख भाषा बोली के साहित्यकार ल संघारेन ।
हमन के समय मानक शब्दकोश समिति , सुरहुत्ती मासिक पत्रिका अउ कत्कोन अनजान फेर पोठ पांडुलिपि मन
ल छापेन । राज भर के साधक साहित्यकार मन ल खोज खोज के सम्मानित करेन आयोग म जोडेन अउ पाठ्यक्रम बर सरलग बुता करेन ।
कहु न कहु संघरबोन त बने बताचिता तको होत रही।
आप मन छत्तीसगढ़ी भाषा कला संस्कृति के मनखे अव अउ समर्पित ढ़ग ले काम करत हव ।हमन आप मन के सदैव सांधरों म रहिबोन ।
जय जोहार जय छत्तीसगढ़
होरी तिहार के बधाई ।
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