#anilbhattcg
सजाएं हैं गुलिस्ता
कतारबद्ध चलती हुई
बचींटियों की पंक्ति को
छेड़ना तक नागवार हैं
जो जहां पनपा उसे
वहां से हटाना दुश्वार हैं
कोई हक नही तुम्हें
किसी को बेवजह
प्रताड़ित करो
या उन्हें दिग्भ्रमित कर
अन्यत्र विस्थापित करो
अनावश्यक हस्तक्षेप कर
उन्हे शासित करो
चलिये विवश है अभी वे
बेचारें बिखर जायेगें
अट्टाहास तुम्हारा
यूं मसल कर रख देंगें
पर यह मत भूलों
कि चींटी हाथी को भी
मार डालती हैं
वक्त बलवान सदा
सबको मौका देती हैं
तुम तो कुछ भी नहीं
फिर भी इतराते हो
बस्तियां उजाड़ते हो
शोषण दमन विस्थापन को
विकास समझ कर
सत्ता की रौब झाड़ते हो
मूल्यों और आस्थाओं की
बातें कर लच्छेदार
बन बैठे हो सूबेदार
रहना खबरदार
अबकी बार
बिखरी हुई पंक्तियां
तलाशते अपनी अस्मिता
एकत्र हो सजाएं हैं गुलिस्तां
पहरेदार ये चींटियां
तिलमिलाकर काट खाएगें
ढो ले जाएंगी तेरी बोटियां
चढ़ेगी नहीं चूल्हें पर
बार-बार काठ की हड़ियां
झंहिउञ
- डांअनिल भतपहरी 9617777514
28 मार्च 24 ऊर्जा पार्क प्रात: 9 बजे चींटियोंर।।इ।ल।के कतार देखते हुये ।
No comments:
Post a Comment