Tuesday, December 10, 2019

सतनाम संस्कृति में आस्था और विश्वास

सतनाम संस्कृति मे कही पर भी  जादुई  चमत्कार की बातें नही की गई ।न ऐसा गुरु चरित में है। उनके महिमामय कार्यों को हमारे लेखक कवि अलंकृत शैली में वर्णन किए है जिसे जन साधारण और कथित विज्ञान वादी चमत्कार आदि मानकर अवहेलना करते है।
बुधारू का सर्पदंश से जड़ी बुटी से इलाज था।मृत बछिया का जीवनदान पशुधन संरक्षण है ।उसी तरह सफूरा जीवन दान स्त्री सशक्तिकरण है।मछली प्रसंग जीव धारियों के प्रति दया व शाकाहार प्रवत्ति को बढावा देना है।कृषि में बेहतर उत्पादन और नवीन तकनीक से कृषि कार्य है।
   अधर नागर का महिमा संतो के हृदय रुपी खेत मे सतनाम रुपी बीज बोकर अधर रुप नागर चलाकर सतनाम पंथ का विशिष्ट बोध व  प्रचार प्रतिनिधियों को कराना है। इसी तरह उनके  तीन वृक्ष का सानिध्य विलक्षण प्रयोजन है। इन गुण  युक्त  औरां धौरा तेंदू वृक्ष के सानिध्य आबोहवा में सुकून शांति पाने की बातें कहे है।गुरु घासीदास बाबा जी ने इनके पास ध्यान मग्न चिन्तन मनन कर पिडीत मानवता के लिए नायाब सूत्र निकाले सतनाम दर्शन प्रस्तुत कर लोक जागरण किए।इसलिए यह स्थल दर्शनीय है।इसलिए जहां जहां सतनाम भवन निर्मित किए जा रहे है उन परिसर में इन विशिष्ट गुण धर्मी औषधीय वृक्षों के रोपण करे ताकि  उद्वेलित मन को सुकून शांति मिले। ऐसा अक्सर अपील करते रहे है।
     ज्ञात हो कि आंवला सी  विटामिन युक्त औषधिय वृक्ष है जिनसे होकर हवा स्फर्ति और ताजगी देते है।तो धौरा की सधन छांव शारीरिक कष्ट थकान और चपाचपय का तीव्र गति से निदान करते है।बेहद तकलीफ मे प्रसुताओ के पीड़ा शमन का कार्य धौरा के छाल व पत्ते का रस करते है।
    इसी तरह तेंदू वृक्ष तो जेठ की भीषण गर्मी  मे लहलहाते है।शीतल छायादार और उच्च रक्तचाप इनके छांह में बैठने मात्र से नियंत्रित होते है।
    हमने इनके सञदर्भ में शोध पत्र भी प्रस्तुत किए है व सतनाम सञदेश मे प्रकाशित भी है।
     अंधविश्वास रहित मानवता एंव समानता पर आधारित सतनाम संस्कृति है।उनकी वास्तविकताओं से परीचित कराना आप हम सबका नैतिक दायित्व है महोदय।
      अन्यथा हमारे भोले भाले लोगों को कितने ऐसे लोग है जो पल भर भ्रमित और छलित कर लेते है।सतनामी समुदाय वर्तमान में  सबसे अधिक दिग्भ्रमित होके  अपनी आस्था श्रद्धा  ही नही अपनी बेशकीमती समय और संशाधन को अन्यत्र खर्च कर कृत्रिम सुख शांति पाने  मे लगे है ।
     आप हम जैसे लोग गाहे- बगाहे तर्क ज्ञान विज्ञान के नाम पर दिग्भ्रमित  करते  उनकी आस्था श्रद्धा को चोटिल करने में लगे रहते है। 
    कृपया ऐसा न हो ! तर्क ज्ञान  विज्ञान  सम्मत सतनाम है इन्हे साबित करना और प्रचार प्रसार करना हमारा कार्य होना चाहिए ताकि अनजान व  गैर लोग भी यहां आकर अध्यात्मिक सुखानुभूति ग्रहण के सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर हो सके।

    ।।  सतनाम ।।

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