*तपोभूमि दोसी पहाड़ नारनौल सतनाम धाम"
वीरभान बाबा की यह तपस्थली
सतनाम की अजस्र धारा बह चली
तृप्त हुई सदियों से तृषित अरावली
सुमर सतअवगत निर्वाण की बात चली
पावन पालों की लहरों से होते मन तरंगित
सत्धाम की दर्शन पाकर होते जन प्रफूल्लित
सदा सतपंथ मे चलने होते जन-मन संकल्पित
।।सत श्री सतनाम।।
-डा. अनिल भतपहरी
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