Saturday, April 10, 2021

पंचक मज़लूम

पंचक 

मज़लूम 
दु:खी  यहाँ  जो भोले -भाले होते हैं
क्यों बेचारों के मुख पर ताले होते हैं
चप्पल के बावजुद पांव पर छाले होते हैं
जीते हैं पीकर ग़म ये बड़े मतवाले होते हैं
आकर खाली हाथ खाली जाने वाले होते हैं

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