।।सृजन कैसे करुं ।।
हाहाकार चहुँओर ,भयभीत है सभी
कोरोनाकाल में अब, सृजन कैसे करुं ...
कोई न जन सहयोग,संसाधन की कमी
दान पूजागृहों के लिए, प्रबंधन कैसे करुं ...
काम केवल शासन -प्रशासन का नहीं
मुश्किल घड़ी में सहमत,आमजन कैसे करुं ...
श्रद्धांजलि देते रोज लत ऐसी हैं लगीं
क्षरित संवेदनाएं अब ,मनन कैसे करुं ...
सड़क पे एम्बुलेंस अर्थियों की कतार लगीं
घर आए कोई तो अभिनंदन कैसे करुं ...
चारों ओर चीत्कार सुन मौन हैं अनिल
संशय में जान अब ,क्रंदन कैसे करुं ...
-डाॅ. अनिल भतपहरी/ 9617777514
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