१ "मया के गीत "
निरमोहना रे मया के मरम नई जाने
गेहस तंय भगवान खोजे बर बनके बैरागी
मया म भगवान बसते कथे मया कर संगवारी ....
निरमोहना रे ....
२. "मया के गीत "
निरदइय्या निरमोहना मन के हिरदे म मया जगाबोन
मया बताबोन मया सिखाबोन गीत मया के गाबोन
अइसन मन लेहेन ठान ....
३ "मया के गीत"
मया के महिमा अगम बड़ भारी
जउन करही तउने येकर जस गाही
आनिबानी के कथा सिरजाही...
जुग बितही फेर मया रही जाही
आज ये गुरुप म ३ मयारुक गीत" के मुखड़ा प्रस्तुत हे
डा अनिल भतपहरी
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