Monday, April 29, 2024

बसुन्दरा मन के न उ सियानी

#anilbhattcg
 
  छकड़ी : बसुंदरा मन के नऊ सियानी

इसगा-चारी म बुड़े अपनेच म लड़त कटत मरत हे
मार चिखला  म सनाय  गोल्लर  सरिख भुकरत हे
मंद - मंउहा म चुर कुकरी  बोकरा खा के उछरत हे
तेही पाय के दु कुरिया के मन नऊ सियानी करत हे
घर भीतरी ढे़ढ़ा कस तरी-तरी बरी मुनगा चुचरत हे
तुहरे सेती ये बसुंदरा मन हर  पागा पारे  किंदरत हे

                 - डा. अनिल भतपहरी /9617777514

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