आपके वास्ते छकड़ी हमरी
हड्डी की जीभ नही कि यह न फिसलें पर जब कभी आंखों से बातें निकले तो सीधे दिल से लगे अनजाने भी हो अपने
बिंदास कहें-डा.अनिल भतपहरी
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