Thursday, June 20, 2019

मां महानदी

मां महानदी

चित्रोत्पल्ला गंगा मां महानदी
देती जीवन आनंद अरु सदगति
ज‌न जन के लिए वात्सल्यमयी स्नेह हो ...

अरबो झांहू की लताए
झूम रही अंग में लिपटाए
मानो इनके केश हो .. .

तटपर लाखों तरु सैनिक
हैं भट्टप्रहरी जो अहर्निश
दे रहे हैं पहरा
मानो हथियारों से लैश हो...

धान कटोरा छत्तीसगढ़ की करधन
जिसमें जडा स्वर्ण रजत व रतन
नीर धारा रेश हो...

श्रीपुर राजिम गिरौद शिवरीनारायण 
तट पर बसे तीर्थ है पतित पावन 
पाकर आशीष नवोन्मेष हो

इनकी सलिल है निर्मल
तन मन को करते है विमल
अत्यन्त पारदृश्य हो...
   - डा अनिल भतपहरी
(रचनाकाल ७-८-१९८५ प्रात: महानदी तट )
छत्तीसगढ़- उडीसा की जीवन रेखा महानदी की संरछण और उन्हे सदानीरा करने की सार्थक पहल हो।नर्मदा और गंगा की तरह महानदी के लिए दोनो प्रान्त मिलकर महाअभियान चलाए।
  ।।नमामि मां महानदी ।।

No comments:

Post a Comment