आपके वास्ते छकड़ी हमरी "फ़कत" खेल रेखाओं की नही और न तकदीर की है भाग्य,भगवान-खुदा न कोई पीर-फ़कीर की है ये तो फ़कत आपके चुनाव और उनकें ज़मीर की है
बिंदास कहें- डा.अनिल भतपहरी
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