आपके वास्ते छकड़ी हमरी
।। सुमंगल प्रथाएं।।
रास्ते में होते ही है कई मोड़
चलते जाना है पदचिन्ह छोड़
ताकि न भटके कोई पथिक
सहजता से उन्हें मिले मंजिल
हो चाह और हो सद्कामनाएं
तभी चलती रहेगी सुमंगल प्रथाएं
बिंदास कहें डा. अनिल भतपहरी
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