Wednesday, May 29, 2019

सुमंगल प्रथाएं

आपके वास्ते छकड़ी हमरी
      ।। सुमंगल प्रथाएं।।

रास्ते में होते ही  है कई मोड़
      
चलते जाना है पदचिन्ह छोड़

ताकि न भटके  कोई पथिक

सहजता से उन्हें मिले मंजिल

हो चाह  और हो सद्कामनाएं

तभी चलती रहेगी  सुमंगल प्रथाएं
 
बिंदास कहें डा. अनिल भतपहरी

No comments:

Post a Comment