ये देश म का होगे नइये नाम सतनाम के। जगा जगा म लूट चोरी होवय राम नाम से । आज कलंकित होवे संगी नाम भगवान के। अब तो पूजा होवन लागे चोर अउ बईमान के ।। थप -थप चुहे आंसु मोर काकर मन ल धोहूं। मन कहिथे मय सेत धजा ल जगा जगा लहराहूं।।
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