Saturday, February 16, 2019

संधान

"सद्गति "
कुटुम्बर की
गुह्य गह्वर गुफा
सदृश्य हैं
अन्त:करण
जहां बहु रत्न
है आभरण
फिर भी
मानव कृपण
करो उद्यम
अरु संधान
धट भीतर हैं
सभी समाधान
उतरों और जानो 
गुफा की तिलस्म
न हो कोई
उनसे विस्मय
हो निर्भय
जय वरण्य
सतनाम की सिद्धी
सिद्धि से समृद्धि
समृद्धि से शांति
शांति से समाधि
मिले ऐसी
दिव्य सद्गति

    -डा. अनिल भतपहरी
(तपोभूमि गिरौदपुरी सत्धाम में सम्मलित हो रहे  सतनाम सहजयोगी संतों को सादर समर्पित )
चित्र- कुटुम्सर गुफा  बस्तर

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