"पानी नइये"
का कहव संगी मय का सुनब संगी तय
कहे सुने के अब तो कहानी न इये
गाये बर गीत अब तो सुहानी न इये
कहे सुने के अब तो कथा कहानी न इये .....
बस गरजना हाबे बादर म पानी न इये
मारत फुटानी टुरा बरा भजिया ल खाबे
काबर काचा मिरचा कर्सस ल चाबे
चिरपुर बड देख क इसे कलबलागे
हद होगे होटल म पानी न इये बोतल म पानी न इये ...
असनादे खुसरे समारु अपन नहानी घर म
चुपरत साबुन मगन गावे गीत सुहानी घर म
आखी म परे गेजरा नल खोले त पानी न इये
बाल्टी म पानी न इये डोलची म पानी न इये ....
लगिन के नेवता भेजे हावे समयदास
जिहा दार भात उहा पहिदे माधोदास
दमकाते साठ थारी भात रेन्गे बाहिर सोज्झी धाट
नरवा म पानी न इये तरिया म पानी न इये ....
करत बराबरी टुरामन से ,
टुरीमन होगे आधु
इकर करसतानी ले
होगे उकर करसतानीे पाछु
उधरा हे फुन्दरा अउ लाज बनगे गजरा ...
आखी म पानी न इये न जवानी न इये
जवानी के सुघ्घर रवानी न इये ...
डा अनिल भतपहरी
९६१७७७७५१४
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