Wednesday, October 12, 2022

गुरुघासीदास फिल्म स्क्रीप्ट ‌

प्रस्तावित गुरु घासीदास डाक्यूमेंट्री /फिल्म पटकथा लेखन 

सतनाम धर्म संस्कृति  भारतवर्ष  की  प्राचीन संस्कृति हैं‌। इनकी अवशेष हमें सिन्धु घाटी सभ्यता में दिग्दर्शन होते हैं। हालांकि उनकी लिपि पढ़ी नहीं ग ई हैं। और वह सभ्यता जमींदोज हो ग ई पर जो उत्खनन से बाहर निकले है उ‌न वस्तुएँ और तथ्यों का प्रचलन इसके अनुयायियों के जीवन वृत्त में सहज नज़र आते हैं। 
     अरावली पहाड़ी के तलहटी में अवस्थित नारनौल रेवाड़ी सतनामियों का  केन्द्र स्थल रहा है जो कि सिन्धु घाटी सभ्यता के निकटवर्ती परिक्षेत्र है ।  सतनामियों बसाहट पंजाब सिंध दिल्ली और मथुरा के आसपास रहा हैं।  1662 में सतनामियों के साथ मुगल सम्राट औरंगज़ेब का शाही सेना का भीषण  संग्राम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। 
     युद्धोपरान्त स्वाभिमानी वीर योद्धा सतनामियों का आव्रजन देश के अलग- अलग क्षेत्रों  में हुआ । एक परिवार मेदनीराय गोसाई के नेतृत्व में दक्षिण कौशल स्थित  सोनाखान रियासत के  सुकली  वन्य ग्राम में हुआ।  जहाँ पर वन घास काट कर गाँव बसाए गये और आबाद हुए।

         दृश्य - 1 
     कलान्तर में महंगूदास जी विवाह समीप ग्राम मड़वा के पुरैना परिवार जो रतनपुर राजा के नेगी थे के घर जन्मी कन्या अमरौतिन से हुआ - 

    इस प्रसंग को नाट्य रूपांतरण कर संवाद शैली में लिखें।

पात्र - मेदनीराय गोसाई पुत्र सगुनदास - पुत्र महंगूदास , अमरौतिन उनके पिता- माता और कुछ ग्रामीण 

प्रसंग - नवयुवक महंगूदास का लगन एंव  विवाह ....

      दृश्य - 2 

 अमरौतिन व महंगूदास दो पुत्र ननकू - मनकू जन्म के बाद अकाल के चलते  गिरौदपुरी के झलहा मंडल के यहाँ आकर रोजी- मजुरी करना ... और  यहाँ बालक घासीदास का जन्म ...

दृश्य - 3 

 अमरौतिन बिछोह और करुणा माता का आगमन 
पात्र - महगू अमरौतिन झलहा मंडल ग्रामीण स्त्री पुरुष एंव मंडल गोपाल मरार करुणा माता 



    दृश्य 4 - बाल  महिमा 

      बुधारु , समारु , समेदास , मोहन  एंव अन्य बालवृंद 
      
    गिल्ली डंडा खेल में घायल चिड़िया का उपचार , सर्पदंश बुधारु का उपचार ...किशोर उम्र में    नागर महिमा 


दृश्य - 5 विवाह 
 महगूदास करुणा माता ननकू मनकू घासी सफूरा अंजोरदास दोनो तरफ के ढेड़ा सुवासिन व अन्य बराती व घराती 

  दृश्य - 6 
      सुखमय वैवाहिक जीवन सहोद्रा माता जन्म अम्मरदास जन्म, बालकदास जन्म ,आगरदास जन्म ...
     अम्मरदास जी का बिछोह सफूरा का रुदन  व घासीदास का तीर्थाटन .

  दृश्य 7 

जगन्नाथपुरी सहित यात्रा
    यात्री दल और उनसे वार्तालाप 

 के धार्मिक स्थलों का दर्शन और गुरुघासीदास द्वारा सूक्ष्म निरीक्षण 

   दृश्य  8

- मंदिर. मंदिरवा म का करे जाबोन अपन घट के देव ल मनाइबोन  और सागर तट पर  ... मनखे ए पार के होय या ओ पार के करिया होय कि गोरिया मनखे मनखे एक बरोबर आय।
     अमृतवाणी कथन वापसी 
     
दृश्य  9 -
 चंद्रसेनी मंदिर में पशुबलि देखना और आक्रांत होना 

दृश्य - 10

  गुरुघासीदास जी की  तपस्या एंव सतनाम पंथ प्रवर्तन कीजिए उद्धोषणा ।

 दृश्य -11-
    तेलासी + भंडारपुरी आगमन और धर्मोपदेश व महल बाडा निर्माण 

     दृश्य 12  रामत रावटी 
 गुरुघासीदास द्वारा सतनामी पंथ का प्रचार - प्रसार हेतु महत्वपूर्ण रामत एंव चिरईपदर , दंतेवाड़ा कांकेर  पर रावटियां - एंव अमृतवाणी व धर्मोपदेश 
          
  दृश्य 13 -  रामत  रावटी 
पानाबरस  डोंगरगढ़ , भंवरदाह में धर्मोपदेश व सतनाम पंथ में दीक्षा  

14  रामत - रावटी 
     भोरमदेव रतनपुर एंव दल्हापहाड़ 
   इन रामत रावटी में पंथी गीत मंगल भजन एंव बोध कथाओं का प्रचलन ...

    दृश्य - 15 
      गुरु अम्मरदास व बालकदास का विवाह एंव अम्मरदास जी का तेलासी में महासंगम कर पंथ प्रवर्तन 

     दृश्य 16 
    अम्मरदास जी सतनाम पंथ प्रचार हेतु रामत यात्रा  एंव चटुआ घाट में समाधि 

       दृश्य - 17
        गुरु बालकदास का राज्याभिषेक व एंव समाजिक संगठन   हेतु साटीदार भंडारी व महंत पदो की व्यवस्था 

         दृश्य 18
     मोतीमहल भंडारपुरी का उद्धाटन  आखाड़ा एंव गुरुदर्शन मेला का प्रारंभ 

          दृश्य 19

  बोड़सरा बाड़ा से सतनाम पंथ का संचालन व सतनाम शोभयात्रा का प्रचलन 
           
            दृश्य 20

   गुरुघासीदास अंतिम धर्म दीक्षा उपदेश एंव अज्ञातवास हेतु  गिरौदपुरी के छातापहाड़  प्रयाण ... अन्तर्ध्यान  
      
            इस तरह गुरुघासीदास बाबा जी के 94 वर्षो की जीवन यात्रा के  प्रेरक प्रसंगों का फिल्मांकन कर सकते हैं। 
    प्रति एपिसोड 30 मिनट का होगा तो 10 घंटे का शानदार प्रेरक फिल्म या वृत्त चित्र बनाए जा सकते हैं। 

       - डा. अनिल कुमार भतपहरी

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