[17/12 11:12] Dr. anil bhatpahari: ज्ञान पन्थ कृपान की धारा की सच्चाई।
यह ईश्वर के दास्य भक्ति के कवि रामभक्त तुलसीदास कृत रामचरित मानस की उत्तरकांड की 114 दोहा की चौपाई की पंक्ति हैं। इसे अनजाने में ज्ञानपंथ शब्द के आकषर्ण के चलते गुरुवाणी समझने की भूल करते रहें हैं। असल में ज्ञान कोई तलवार की धार नही हैं। यह उपमा ही गलत हैं। ज्ञान निर्मल और कोमल हैं। जबकि अज्ञान गन्दला और कठोर हैं। अज्ञान रूपी अंधकार में ज्ञान रूपी दीप या रौशनी जलता हैं न कि तलवारे लपकती हैं। तुलसी भक्ति के विलोम ज्ञान का ऐसा डरावना व् भयावह चित्रंण कर लोगो को ज्ञान मार्ग में प्रवृत होने से रोकने का आशय झलकता हैं। वे बौद्ध दर्शन से विकसित नाथ- सिद्ध, कबीर- रैदास नानक जैसे ज्ञान मार्गी निर्गुण संतो के परम्परागत विरोधी रहें हैं। इसलिए उनसे सतनाम पंथ वालों को अपेछाकृत
उधार का विचार नही चाहिए। ज्ञान पन्थ कृपान का धार नही होते अपितु ज्ञान मार्ग सहज सरल सुखमय होते हैं ।ज्ञान तलवार की धार नही कि किसी चीज को काटे छाटे खून खराबा करे। सतनाम अंहिसा के संगी हैं। भला यहाँ कृपान की क्या काम? यह तुलसी की उक्ति हैं कि ज्ञान मार्ग तलवार की धार की मानिंद तीक्ष्ण व् हिंसक हैं इसलिए इनके स्थान पर भक्ति वो भी राम की दास भक्ति का अनुशरण करे। क्योकि ज्ञान कबीर रैदास आदि के मार्ग हैं जो उपेक्षीय हैं। ऐसा भ्रम का संचार किये। आज उनकी चौपाई की अर्धाली को गुरु की अमृत वाणी समझने की भूल करते आ रहे हैं। यह रामचरित मानस की पंक्ति हैं।
और तो और सतनाम केवल शुष्क ज्ञान ही नही अपितु रसमय भाव प्रवण दर्शन हैं जिन्हें जनसाधारण सहजता से समझता हैं आत्मसात किये हुए हैं। असल में उनकी गलत सलत व्यख्या करके ही कुछ लोग जरुर भ्रमित करते रहते ।यह बिलकुल नही होना चाहिए। सतनाम सबका समन्वय करती हैं जो मानव को समुन्नत करने वाली तत्व हो।सत श्री सतनाम।
[17/12 11:13] Dr. anil bhatpahari: ज्ञानपन्थ कृपान के धारा आशय लोगो को हतोत्साहित करना हैं। जबकि ज्ञान का मार्ग सहज सुलभ कह उन पर चलने की सार्वजनिक आव्हान होना चाहिए। उन पर चलने के पूर्व भयभीत करना नही। ऐसे में जन साधारण ज्ञान से विरत भक्ति वह भी राम के दास बनना हैं। तुलसी की तरह। जो उन्हें यह सब अच्छा लगे उन्हें मुबारक "ज्ञान पन्थ कृपान की धारा।"यह गुरु वाणी नही हैं। और इसे गुरु घासीदास केंदीय विवि बिलासपुर के मोनो से हटवा देना ही उचित हैं। इनके लिए सार्थक पहल हो।
Sunday, January 6, 2019
ग्यान पंथ कृपाण कै धारा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment