कहे बिंदास अनिल भतपहरी
आपके वास्ते छकड़ी हमरी
देख बसुंदरा के चाल जम्मा जिनिस ल पोटारलिन ।
मेड़च मं बैठे रहिगेन उन धनहा के बीड़ा ल डोहार लिन ।।
चिटको लाज सरम नही नकटा सवा गज के बना घरलिन।
परलोखिया हमरेच छानी मं चढ़के
होरा तक भुंजलिन ।।
जात-पात इरखा मं बटे रहे,तेकरे सेती अतलंग करिन ।
देख कुकुर मन के करतुत कइसे बघवा ल हटकलिन ।।
-डा.अनिल भतपहरी
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