Wednesday, September 21, 2022

सात हाइकु

#anilbhatpahari 

समसामयिक सात हाइकु 

देखों तरक्की 
सबके मन भाई 
वा करिश्माई 

पशु कीमती  
इंसा हो गये सस्ती 
उजड़ी बस्ती 

टूटी झोफड़ी 
घूम गई खोपड़ी 
मुश्किल घड़ी 

ये हैं जंगल 
हो रहें हैं मंगल 
सब कुशल 

क्या कहने 
अरे वाह भतीजे 
आए हैं चीते

हैं अरबों के  
जय सरकारों के 
सुर्खी खब्रों के

चीता युग की 
या जंगल राज की  
हुआ वापसी 

- डा. अनिल भतपहरी

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