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गुरुघासीदास जयंती पूर्व शोभायात्रा 16 दिसंबर 1995 की विज्ञापन ।
इसमें जो चित्र हैं वह गुरुघासीदास का आशीर्वाद ( अभय ) मुद्रा में मेरे द्वारा महाविद्यालय में अध्ययन के समय पायलेट पेंन से भूगोल के पेट्रिकल्स कापी के सफेद पेपर पर सन १९९० को बनाया चित्र है। जिसे फ्रेमित कर नीचे पांजीनाम मंत्र लिखा था। और कमरा नंं 7 जहां मै रहता था में यत्नपूर्वक संजोकर रखा था। यह चित्र शोभायात्रा के पूर्व ही मेरे आलेख में समाचार पत्रों पर यदा कदा प्रकाशित होते रहा है।
बहरहाल 25 वर्ष पूर्व गुरुघासीदास छात्रावास आमापारा के हम छात्रावासी छात्रों के साथ मान. नरसिंग मंडल जी के नेतृत्व में प्रारंभ किए गये शोभायात्रा वर्तमान में जयंती पूर्व एक विशिष्ट प्रथा के रुप में प्रचलन में आ चूका हैं। यह स्वर्णिम व सुखद पल हैं।
ज्ञात हो कि छात्रावास के अस्तित्व में आते ही हमलोग १९९० से ही जयंती आयोजित करते और अमीनपारा छात्रावास आमापारा छात्रावास में संयुक्त आयोजन करते मान कन्हैयालाल कोसरिया पूर्व मंत्री और अधीक्षक रामाधार बंजारे जी के निर्देशन में उत्साह पूर्वक भाग लेते संगोष्ठी कराते उस कार्यक्रम का संचालन सौभाग्य वश मुझे करने का अवसर मिलता रहा है।
हमलोग समाज के प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित करते उनके संदेश व मोटिवेशनल व्याख्यान श्रवण करते जिसमें प्रमुखतः कन्हैयालाल कोसरिया पूर्व मंत्री रेशमलाल जांगडे पूर्व सांसद , एड मनोहर लाल भतपहरी डा अम्बेडकर के सहयोगी प्रसिद्ध आर पी आई लीडर , केयुर भूषण पूर्व सांसद, रामाधार बंजारे अधीक्षक ,एम आर जोल्हे जज , महिलकर जी जज , प्रों मीना बंजारे , बी आर बंजारे बैक अधिकारी , श्री एस डी भतपहरी प्राचार्य , नरसिंह मंडल पूर्व अध्यक्ष म प्र राज परिवहन निगम , के पी खांडे डिप्टी कलेक्टर , श्री पी आर गहिने प्राचार्य बी एड कालेज , देवादास बंजारे प्रसिद्ध पंथी नर्तक राम प्रसाद कोसरिया , सुशील यदु , इत्यादि कवि गण अलग अलग वर्षों सम्मलित होते थे। आयोजन में तत्कालीन महापौर पार्षद आदि जनप्रतिनिधी भी आमंत्रित किए जाते रहे हैं।
इस तरह एक दिन कार्यक्रम में ही शोभायात्रा करने का विचार आया । और आगामी वर्ष वह प्रारंभ हुआ।
शोभायात्रा की यह २५ वां वर्ष हैं। हम सभी सौभाग्यशाली है कि उक्त गरिमामय आयोजन के साक्षी व सूत्रधार रहे हैं। हमलोगों को मान नरसिंह मंडल जी जैसे कुशल नेतृत्व कर्ता व मार्ग द्रष्टा मिला। उनकी पहल से राजधानी रायपुर में अलग अलग जगहों पर निवासरत सतनामियों से संपर्क हुआ ।समाज प्रमुखो साटीदार भंडारियों एंव जन सामान्य को जोड़कर सप्त ध्वज वाहक सहित भव्यतम पंथी अखाडा झांकी जुलुश आतिशबाजी निकाले ।
आज यह चित्र मेरे एफ बी वाल में उभरा तो हर्षित होकर हमारे सुधि पाठकों के जानकारी के लिए पुनश्च पोष्ट किया ....
जय सतनाम
-डाॅ. अनिल भतपहरी / 9617777514
चित्र- १ विज्ञापन १९९५
२ मूल चित्र
३ गुरुघासीदास जयंती समारोह गुरुघासीदास छात्रावास आमापारा रायपुर १९९२ जिसमें मान नरसिंह मंडल जी की अध्यक्षता में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसी कार्यक्रम में शोभायात्रा का प्रस्ताव हुआ और इस तरह समाज में यह प्रचलन में आया।
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