Friday, November 13, 2020

पंथी गीत का हिन्दी अंग्रेज़ी अनुवाद

छत्तीसगढ़ी  क्लासिक गीत/ कविता की श्रेणी में रामनाथ साहू जी प्राचीन और आधुनिक रचनाकारों की रचनाओं को हिन्दी और अंग्रेजी में शब्दा/ भावानुवाद कर रहे हैं। 
इस अनुक्रम में  आज हमारी 30-32 वर्ष पूर्व  लिखी बहुचर्चित / बहुप्रसारित पंथी गीत- "तोला नेवता हे आबे गुरु घासीदास" जो कि सतनाम संकीर्तन  केसेट २००२  दूरदर्शन २०१०-११  एंव अनेक लोक मंच में  अनेक गायकों द्वारा प्रस्तुति दी जाती  रही है। उसी गीत का रामनाथ साहू जी द्वारा किए गये भावानुवाद द्रष्टव्य हैं-

     तोला नेवता हे आबे गुरुघासीदास 

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*मंगल पंथी गीत*
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*डॉ.अनिल भतपहरी*

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साखी-
सत  फूल धरती फूलय, 
सुरुज फूलय  अगास ।
कंवल फूल मन सागर फूले,
जिहाँ खेले गुरु घासीदास ।।

तोला नेवता हे आबे गुरु घासीदास
हमर       गांव     म         मंगल हे
आबे        आबे       गुरु घासीदास
जुनवानी       गांव    मं    जयंती हे...

करिया करिया बादर छाए हवय
घपटे            हे         अंधियार
मनखे ल मनखे       मानय नही
घोर                       अत्याचार।
बगरादे बबा सत के परकास...

दुनों आंखी    हवय फेर 
होगे         मनखे अंधरा
मोह माया मं मगन होके
पूजय       लोहा पथरा
सिरजादे मनखे मन के हिरदे मं धाम...

आगी लगगे चारो    मुड़ा मं
जरगे                 ये संसार
आके अमरित चुहा दे बाबा
कर दे               ग  उद्धार
विनय करत हवन हमन बारंबार ...

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 *मंगल पंथी गीत*
- *डॉ.अनिल भतपहरी*

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साखी-

सत्य कुसुम से कुसुमित अवनि
सूर्य प्रफुल्लित   इस अम्बर पर
कमल मुकुलित  हुए वारिधि में
क्रीडारत    जहाँ  गुरुघासीदास ।।

तुझे निमंत्रण तुझे      आमंत्रण
आना मेरे ग्राम    गुरु घासीदास
मंगल है              हमारे ग्राम में
बाबा      जुनवानी जरूर आना
हमारे           गांव   में जयंती है...

काले -काले    बादल       छाये   
घनघोर    तिमिर    आच्छादित
मनुष्य   मनुष्य का सत्कार नही
करता, करता भर वहअत्याचार
बाबा    ऐसे में     तुम्हें करना है 
सत्य   का      आलोक प्रसारित...

चक्षु युगल     रखता     मानव पर
अन्तश्चक्षु                 विहीन वह
माया महाठगिनी के     वश होकर
पूजने चला लौह प्रस्तर खण्ड सब
बाबा      ऐसे    तुम्हे   सिरजना है
मनुष्यों के   हृदय में  तुम्हारा धाम...

दिग दिगंत          व्यापे वैश्वानर
जगती यह    जलकर खाक हुई 
नवप्राण फूंकने तुम्हे आना     है
करना    है     सबका      उद्धार
बाबा तुम्हे  तो यह  करना ही है
यही     विनती        है बारम्बार...

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*The Mangal panthi Carol*
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Sakhi-

The truth is blessed on this Good Earth . The sun rises like a big blooming flower in the sky. The lotus bloom in the mighty sea. All these are the good play area of Guru Ghasidas.

O my great guru ! You are cordially invited to my town. The big gala -The Mangal is upcoming soon.
Junvani -My town is hosting the jubilee celebration.

The dense clouds accumulated well covering even the last ray of light. Man doesn't respect the man, he commits only a gross torture.
Baba you have to shine the sun of the  holy truth...!

Man haves both the eyes, but he is the ultimate blind.
Only allured by the illusions and fantasy. Always busy worshiping the false things.
Baba, please build your holy abode in the heart of such misers.

The whole world is under fire
All got turned to ash.
Please come here and serve the nectar ! You are our truly saviour.
This is what I am craving for.

*Dr. Anil Bhatpahari*

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धन्यवाद साहू जी

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